Friday 13 December 2013

१९ जनवरी, २०१४: मिरानिसे राष्ट्रीय अधिवेशन प्रथम

कन्स्टीच्युशन क्लब, नयी दिल्ली।

सबसँ पहिने मिथिला राज्य निर्माण सेना द्वारा आयोजित एहि पुनीत कार्यक्रमकेर अपार सफलता लेल शुभकामना दैत छी। एहि कार्यक्रमकेर एक अवधारणा पत्र राखि पूर्ण जानकारी रखबा लेल सेहो निवेदन करैत छी। 

कोनो बौद्धिक कार्यक्रम लेल 'अवधारणा'क महत्त्वकेँ आत्मसात करब जरुरी छैक आ ताहि अनुरूपे कार्यक्रमकेर प्रारूप विकास कैल जाइत छैक। अत: मिरानिसे मे वर्तमान नेतृत्व धारा एहि लेल प्रबुद्धजनकेर समूहकेँ कार्य बंटवारा जरुर केने हेताह से आशा करैत अवधारणा अनुरूप जनसहभागिताक गुंजाइश, संभावना आ सार्थक परिणामक आशा कैल जा सकैत छैक। 

मिथिला लेल कैल जा रहल हरेक प्रयास सारगर्वित एवं संदेशमूलक भऽ रहल अछि। २०१३ ई. एहि दशकोंसँ चलि रहल आन्दोलनकेँ एक नया आयाम सेहो देलक अछि, लेकिन काज एखनहु बहुत करब बाकी अछि आ हो-हो'बाजीसँ बचबाक आवश्यकता सेहो ओतबी अछि। जखन कि मिरानिसे एक नीति-नियमसँ बान्हल युवा-विशेष संस्थारूपमे जन्म लेलक आ जनमिते एक सऽ एक सान्दर्भिक - प्रासंगिक कारय करल लागल; किछुए दिनमे अपार लोकप्रियता सेहो हासिल केलक; मुदा गूढ आवश्यक मूल कार्य - बुनियादी जरुरत शायद आइ धरि ओहिना रिक्त अछि। न कोनो कार्यालय, न स्थायी सचिव, न संदेश प्रवाह लेल स्थायी उपाय.... एक एसोसियेट अफ पर्सन रूपमे सेहो ई बहुत पिछडल अछि आइ धरि। 

अत: वर्तमान नेतृत्वसँ आशा जे मात्र नाम लेल कन्वेन्शनकेर खानापुर्ति नहि कय ओकरा उचित संदेशमूलक आ सार्थक बनेबा लेल नीक गृहकार्य करैत आगू बढैथ।

हरि: हर:!!

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