Friday 18 April 2014

मैथिल मानलन्हि मैथिली के बात


मैथिली - यौ अरिकंचन के  पात पर पाइनक बून्द रुकै छै ?
मैथिल - नै !
मैथिली - ओकरा में एकटा विशिष्ट गुण  होइत छैक - जे ओकरा पर कतवो पाइन हरायब ओ एको बून्द नै राखत
मैथिल - तँ अहाँ  के की बुझैया जे हमरा में कोनो गुण नै अछि - हम ओकरो सँ दू कदम आगू छी ,कियो पि एच डी केने हेता अपना लेल
मैथिली - से त' ठीक कहै छी - मुदा हम सब कोनो घास -पात छी जे एहन गुण राखु , हमरा सब 
के सोचबाक चाही
मैथिल - से की हम असगरे सोचु
मैथिली - नै यौ - लेकिन अहाँ अप्पन जिम्मेबार छी,  की दुनिया के ?
मैथिल - चलु अहाँ कहै छी त हमहुँ दोसर मैथिल के बात सुनब, आ अहाँ के बात दोसरो के कहब - जे घास पात जँका बात व्यवहार छोरु, आ मनुक्खक श्रेणी में आबि एक दोसर के बात बुझबाक कोशिश करू.

संजय झा "नागदह"


दिनांक : १८/०४/२०१४ 

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