[मैथिल साहित्यकार , IAS ]


एकांकी : विकट पाहुन , रिहर्सल , बहुरुपिया , धूर्तनारी , दत्तक पुत्र , चाही एकटा नौकर पैघ लोक। अन्य : कतेक डारि पर (सस्मरण , साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत ; व्यंग आईने के पीछे (हिन्दी )
दि फूल्स पैराडाइज (अंग्रेजीमे ललित निबन्ध)।
२००८ ई.-यात्री-चेतना पुरस्कार। २००८- (कतेक डारि पर, आत्मकथा) पर साहित्य अकादमी पुरस्कार।
(11 ओक्टुबर 2014 क हिनका सॅ हिनक आवास पर भाई विजय झा संग भेंट भेल छल , जाहि में द्रुतबिलम्बित कथा संग्रह भेंट स्वरुप देने छलाह )
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